कार्तिकेय भगवान का मंदिर कहां पर है? यह सवाल उन सभी भक्तों के मन में उठता है जो भगवान कार्तिकेय की पूजा और उनकी महिमा से जुड़ना चाहते हैं। भगवान कार्तिकेय, जिन्हें मुरुगन, कुमारस्वामी और स्कंद भी कहा जाता है, शिव और पार्वती के पुत्र हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से दक्षिण भारत में की जाती है, लेकिन भारत और दुनिया के कई हिस्सों में उनके मंदिर स्थित हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि कार्तिकेय भगवान के प्रमुख मंदिर कहां पर हैं और इन मंदिरों का महत्व क्या है।
भारत में कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर
- अरुणाचलेश्वर मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले में स्थित अरुणाचलेश्वर मंदिर भगवान कार्तिकेय का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर समुद्र के किनारे पर स्थित है और यहां के दृश्य अत्यधिक सुंदर होते हैं। इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय की पूजा विशेष रूप से मुरुगन के रूप में की जाती है। यह स्थान तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। - स्वामीनाथस्वामी मंदिर (तमिलनाडु)
स्वामीनाथस्वामी मंदिर तमिलनाडु के तीवानी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर भगवान कार्तिकेय के सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय मंदिरों में से एक है। यहां पर भक्तों की भीड़ हर समय देखी जा सकती है, विशेष रूप से मुरुगन जयंती के समय। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है और भक्तों को यहां पहुंचने के लिए पहाड़ी की चढ़ाई करनी पड़ती है। - कुमारकूटम मंदिर (केरल)
केरल के कन्नूर जिले में स्थित कुमारकूटम मंदिर भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है और एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है। यहां भक्तों द्वारा नियमित रूप से पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं, खासकर मुरुगन के पर्वों के दौरान। - मुरुगन मंदिर (कर्नाटक)
कर्नाटक में भी भगवान कार्तिकेय के कई मंदिर हैं, जिनमें मुरुगन मंदिर एक प्रमुख स्थल है। यह मंदिर कर्नाटक के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और यहां भगवान मुरुगन के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जाती है। यहां पर हर साल मुरुगन जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। - पलानी मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
तमिलनाडु के पलानी शहर में स्थित पलानी मुरुगन मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान कार्तिकेय के प्रतिष्ठित 6 अढ़ाइ स्थानों में से एक है और यहां की प्रसिद्धि दुनिया भर में फैली हुई है। पलानी मंदिर में भगवान कार्तिकेय की मूर्ति स्वर्णमय है और यहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
कार्तिकेय भगवान के मंदिरों का महत्व
कार्तिकेय के मंदिरों का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व है। इन मंदिरों में भगवान कार्तिकेय की पूजा विधिपूर्वक की जाती है, और यहां के आयोजनों में भक्तों की बड़ी संख्या होती है। इन मंदिरों में विशेष रूप से मुरुगन जयंती और अन्य धार्मिक पर्वों के दौरान भक्तों का भारी जमावड़ा होता है। इन मंदिरों का एक विशेष आकर्षण यह भी है कि यहां के शांतिपूर्ण वातावरण में भक्तों को मानसिक शांति और ऊर्जा प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
कार्तिकेय भगवान के मंदिर भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं, और प्रत्येक मंदिर का अपना विशेष धार्मिक महत्व है। तमिलनाडु, केरल, और कर्नाटक जैसे राज्यों में उनके प्रमुख मंदिर हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी ये स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन मंदिरों में भगवान कार्तिकेय की पूजा से भक्तों को सुख-शांति, समृद्धि और मानसिक शांति मिलती है।
FAQ’s
प्रश्न: – कार्तिकेय भगवान का प्रमुख मंदिर कहां पर स्थित है?
उत्तर: – तमिलनाडु का पलानी मुरुगन मंदिर कार्तिकेय भगवान का प्रमुख मंदिर है।
प्रश्न: – क्या कार्तिकेय के मंदिर केवल दक्षिण भारत में ही हैं?
उत्तर: – नहीं, कार्तिकेय के मंदिर भारत के अन्य हिस्सों जैसे केरल और कर्नाटका में भी हैं।
प्रश्न: – कार्तिकेय की पूजा के दौरान कौन सा प्रमुख पर्व मनाया जाता है?
उत्तर: – मुरुगन जयंती भगवान कार्तिकेय की पूजा का प्रमुख पर्व है, जो बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।