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बाबर का बेटा कौन था

बाबर का बेटा कौन था? यह सवाल इतिहास में अक्सर पूछा जाता है, क्योंकि बाबर, जो कि भारत में मुग़ल साम्राज्य के संस्थापक थे, अपने बाद अपने साम्राज्य को किसे सौंप गए थे? बाबर का बेटा हुमायूँ था, और उसकी यात्रा काफी दिलचस्प और संघर्षपूर्ण थी। हुमायूँ ने अपने पिता बाबर द्वारा स्थापित मुग़ल साम्राज्य को और बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उसे कई कठिनाइयों और युद्धों का सामना करना पड़ा।

हुमायूँ का प्रारंभिक जीवन

हुमायूँ का जन्म 6 मार्च 1508 को काबुल में हुआ था। वह बाबर और उसकी पत्नी महम अगीचा के पुत्र थे। हुमायूँ को उनके पिता से बहुत कुछ सीखने को मिला था, जैसे युद्ध की रणनीतियाँ और साम्राज्य का प्रबंधन। बाबर ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में हुमायूँ को अपने साम्राज्य का उत्तराधिकारी घोषित किया था, और यह जिम्मेदारी हुमायूँ ने अपने जीवन में अनेक कठिन संघर्षों के बावजूद निभाई।

हुमायूँ का शासन और संघर्ष

हुमायूँ ने बाबर के साम्राज्य को 1530 में संभाला। उनके शासन की शुरुआत कठिनाइयों से भरी रही। पहले तो उन्हें अपने खुद के भाईयों से संघर्ष करना पड़ा, और फिर अफगान शासक अफ़ग़ानिस्तान के शेर शाह सूरी से भी कड़ी चुनौती मिली। 1540 में शेर शाह सूरी ने हुमायूँ को हराया और उसे भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर कर दिया।

हुमायूँ को अपने साम्राज्य से बाहर होने के बाद लगभग 15 वर्षों तक शरण में रहना पड़ा। वह कई देशों में घूमें, जैसे कि ईरान, जहां उन्हें सासानी साम्राज्य के शासक तहमस्प प्रथम से सहायता मिली। इस सहायता से हुमायूँ ने 1555 में दिल्ली में पुनः अपना साम्राज्य स्थापित किया।

हुमायूँ का पुनः साम्राज्य में प्रवेश

हुमायूँ ने 1555 में शेर शाह सूरी के उत्तराधिकारी इस्लाम शाह सूरी को हराकर दिल्ली पर पुनः कब्जा किया। हालांकि, हुमायूँ का शासन केवल 1 वर्ष ही चला। 27 जनवरी 1556 को एक महल की सीढ़ियों से गिरकर उनकी मृत्यु हो गई। उनके बाद उनके बेटे अकबर ने मुग़ल साम्राज्य का विस्तार किया और उसे महान बनाया।

हुमायूँ की मृत्यु और अकबर का उदय

हुमायूँ की मृत्यु के बाद उनके पुत्र अकबर ने मुग़ल साम्राज्य की कमान संभाली। अकबर ने अपनी बुद्धिमत्ता और युद्ध कौशल के जरिए भारत में एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया। अकबर को भारतीय इतिहास में एक महान सम्राट के रूप में जाना जाता है। उनकी नीति और प्रशासन से मुग़ल साम्राज्य को एक नई दिशा मिली, और हुमायूँ का संघर्ष आखिरकार सफल हुआ।

निष्कर्ष

हुमायूँ, बाबर का बेटा होने के नाते, मुग़ल साम्राज्य का उत्तराधिकारी था। उसने अपने जीवन में कई कठिन संघर्षों का सामना किया और कई बार अपने साम्राज्य को खो दिया, लेकिन अंततः उसने पुनः दिल्ली में अपना साम्राज्य स्थापित किया। हुमायूँ की मृत्यु के बाद अकबर ने साम्राज्य को और भी मजबूत किया। हुमायूँ की संघर्षपूर्ण यात्रा और बाबर के साम्राज्य के उत्तराधिकारी के रूप में उसकी भूमिका भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

FAQ’s

प्रश्न: – बाबर का बेटा कौन था?

उत्तर: – बाबर का बेटा हुमायूँ था।

प्रश्न: – हुमायूँ ने किससे हारकर अपना साम्राज्य खो दिया था?

उत्तर: – हुमायूँ ने शेर शाह सूरी से हारकर अपना साम्राज्य खो दिया था।

प्रश्न: – हुमायूँ की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर: – हुमायूँ की मृत्यु 27 जनवरी 1556 को महल की सीढ़ियों से गिरने से हुई थी।

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